84 महादेव : श्री इंद्रेश्वर महादेव(35)
स्थान – उज्जैन, महाकाल वन क्षेत्र 📜 श्लोक: त्वष्टारं जानहि प्रजापतिं, पुत्रं तस्य कुषध्वजम्।वृत्रारि वशं प्राप्तं, मोचयामास शंकरः। श्लोक का अर्थ:त्वष्टा प्रजापति के पुत्र कुषध्वज की मृत्यु से उत्पन्न वृत्रासुर…