84 महादेव : श्री ब्रह्मेश्वर महादेव (65)
उज्जयिनी के चौरासी महादेव मन्दिरों में श्री ब्रह्मेश्वर महादेव का मन्दिर खटीकवाड़ा (ढाबारोड के पास) में स्थित है। भगवान विष्णु का संकट नष्ट करने तथा ब्रह्माजी द्वारा पूजे जाने के…
मंदिरों और मोक्ष की नगरी
उज्जयिनी के चौरासी महादेव मन्दिरों में श्री ब्रह्मेश्वर महादेव का मन्दिर खटीकवाड़ा (ढाबारोड के पास) में स्थित है। भगवान विष्णु का संकट नष्ट करने तथा ब्रह्माजी द्वारा पूजे जाने के…
प्राचीन समय में एक राजा थे पशुपाल। वे परम धर्मात्मा और पशु के पालन में विशेष ध्यान रखते थे। एक बार राजा समुद्र के किनारे गए और उन्होंने वहां पांच…
काफी समय पहले एक राजा थे विदूरथ। उनके दो पुत्र थे सुनीति ओर सुमति। एक बार राजा शिकार करने के लिए वन में गए। वहां उन्होंने एक बडा गढ्ढा देखा,…
प्राचीन काल में राजा थे पद्य। वे महापराक्रमी ओर धर्मनिष्ठ थे। एक बार राजा अपनी सेना के साथ शिकार करने के लिए वन में गए। वहां एक मृग का पीछा…
काफी समय पहले अश्वाहन नामक एक राजा हुआ करते थे। राजा धर्मात्मा और कीर्तिवान थे। उनके राज्य में प्रजा सुखी रहती थी। काशी राजा की पुत्री मदनमंजरी उनकी पत्नी थी।…
द्वापर युग में एक ब्राह्मण थे सुगती। उनके यहां मतंग नामक पुत्र का जन्म हुआ। बालक अवस्था में ही मतंग क्रूर स्वभाव का हुआ। एक बार बालक मतंग माता की…
काफी समय पूर्व अश्वशिरा नाम का एक राजा था। वह बड़ा ही धार्मिक ओर प्रजा पालक था। राजयज्ञ अनुष्ठान कर राजा ने सिद्धि को प्राप्त किया था। एक बार उसके…
प्रथम कल्प में स्वंयभू मनु राजा नाम के राजा हुआ करते थे। उनके पुत्र प्रियवत नाम के राजा परम धार्मिक हुए। उन्होंने यज्ञ करके उत्तम दान दक्षिणा देकर यज्ञों को…
भगवान शंकर ने पार्वती को कथा सुनाते हुए बताया कि गणों में सबसे प्रिय गण घंटा नाम का गण है। देवताओं के संगीत सभागृह में इच्छा से शामिल होने के…
सूर्य के तेज को न सहन कर पाने के कारण उनकी पत्नी संज्ञा उन्हें छोड़ कर चली गईं और तप करने लगीं। यह बात सूर्य को पता चली तो वे…