स्थान: महाकाल वन, उज्जैन
📜 श्लोक:
अंकपादाग्रतो लिंगम् सप्तकल्पानुगं महत्।
यस्मिन् दर्शनमात्रेण शुभा बुद्धिः प्रजायते।।
श्लोक का अर्थ:
जो शिवलिंग पार्वती के अंक (गोद) और पद (पैर) के समीप स्थित है, वह सात कल्पों तक पूज्य है। उस लिंग के दर्शन मात्र से ही मनुष्य की बुद्धि शुभ हो जाती है।
📖 कथा – भृंगिरिट का अभिमान, पार्वती का श्राप और सुबुद्धि का वरदान
🧘♂️ शिव का गण और पार्वती की स्तुति
एक बार शिवजी के सभी गण, देवता, इंद्र, किन्नर, और ऋषिगण आदि माता पार्वती की स्तुति कर रहे थे।
लेकिन शिव के एक गण भृंगिरिट ने यह कहकर स्तुति से इनकार कर दिया कि –
“मैं केवल शिव की ही स्तुति करूंगा, पार्वती की नहीं।”
पार्वतीजी ने उसे कई बार समझाया कि –
“तू मेरा पुत्र है, और बिना मेरी स्तुति के तेरा कल्याण नहीं हो सकता।”
परंतु भृंगिरिट अभिमानी हो गया और योग विद्या के बल से अपने संपूर्ण शरीर का मांस पार्वती को समर्पित कर शिवजी के पास चला गया।
😡 पार्वती का श्राप
पार्वती को यह व्यवहार अपमानजनक लगा और उन्होंने क्रोध में आकर कहा:
“तू क्रूर बुद्धि और अभिमानी है। मेरा अपमान किया है। इसलिए तू मनुष्य लोक में जन्म लेगा।”
श्राप मिलते ही भृंगिरिट तुरंत पृथ्वी पर गिर पड़ा और अत्यंत दुःखी होकर उसने तपस्या आरंभ कर दी।
🙏 तपस्या और शिव का निर्देश
शिवजी भृंगिरिट की तपस्या से प्रसन्न हुए और कहा:
“तुझे श्राप से मुक्ति तभी मिलेगी जब तू पार्वती की आराधना करेगा।
और महाकाल वन में स्थित उस शिवलिंग का पूजन करेगा,
जिससे दर्शन मात्र से ही बुद्धि शुद्ध और शुभ हो जाती है।”
🌸 अर्धनारीश्वर का प्रकट होना
भृंगिरिट ने महाकाल वन में जाकर निर्धारित शिवलिंग की उपासना की।
उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर रूप में –
अर्ध शरीर शिव और अर्ध शरीर पार्वती – प्रकट होकर उसे श्रापमुक्त किया।
भृंगिरिट ने वरदान मांगा कि:
“यह शिवलिंग जिससे मुझे सुबुद्धि प्राप्त हुई,
वह सदा पूज्य हो और इसका नाम अक्रूरेश्वर हो।”
🌿 धार्मिक मान्यता
- श्री अक्रूरेश्वर महादेव के दर्शन मात्र से ही अशुभ बुद्धि शुभ में परिवर्तित हो जाती है।
- यह शिवलिंग मानव के क्रूर विचारों, घमंड और अधर्म से छुटकारा दिलाता है।
- यह लिंग अर्धनारीश्वर स्वरूप की प्रतीक रूप में पूजित होता है।
📍 मंदिर का स्थान
श्री अक्रूरेश्वर महादेव मंदिर
स्थान: 39/84, अंकपात तीर्थ , राम जनार्दन मंदिर के सामने , विष्णु सागर तालाब के सामने, उज्जैन, मध्य प्रदेश 456001
विशेष पहचान: अर्धनारीश्वर दर्शन स्थान, शुभ बुद्धि का दाता
📅 विशेष पूजन अवसर
- श्रावण मास
- महाशिवरात्रि
- नवरात्रि
- गुरुवार एवं सोमवार को विशेष पूजन लाभकारी होता है।
❓FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q. श्री अक्रूरेश्वर महादेव की कथा किससे जुड़ी है?
A. यह कथा शिव के गण भृंगिरिट, माता पार्वती और अर्धनारीश्वर रूप से जुड़ी है।
Q. अक्रूरेश्वर महादेव का विशेष प्रभाव क्या है?
A. इसके दर्शन से बुद्धि शुद्ध होती है, अहंकार और क्रूरता का नाश होता है।
Q. क्या यहां अर्धनारीश्वर दर्शन होते हैं?
A. हां, श्री अक्रूरेश्वर महादेव में शिव और शक्ति दोनों का समन्वय है।

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