स्थान: खत्रीवाड़ा, उज्जैन
विषय: मुक्ति प्रदायक महादेव
📜 श्लोक (स्कंद पुराण अनुसार):
“अनेक जन्म संशुद्धा योगिनाअनुगृहान्मम।
प्रविशन्तु तनुं देवी मदीयां मुक्तिदायिकाम॥”
भावार्थ:
कई जन्मों तक तप और साधना कर चुके योगी भी जब मेरी इस मुक्तिदायिनी मूर्ति में प्रवेश करते हैं, तो उन्हें पूर्ण मुक्ति प्राप्त होती है।
📚 पौराणिक कथा: मुक्ति की खोज में तपस्वी ब्राह्मण और एक बाघ
प्राचीन काल में ‘मुक्ति’ नामक एक जितेन्द्रिय ब्राह्मण थे, जो तेरह वर्षों से निरंतर मुक्ति प्राप्ति हेतु कठोर तपस्या कर रहे थे। एक दिन वे महाकाल वन में स्थित पवित्र क्षिप्रा नदी में स्नान कर जप करने लगे।
उसी समय वहां एक भयानक रूप वाला धनुष-बाणधारी व्यक्ति आया और बोला, “मैं तुम्हें मारने आया हूं!”
ब्राह्मण भयभीत हुए और नारायण का ध्यान करने लगे। उनकी तपस्या के तेज से वह व्यक्ति परिवर्तित होकर उनके चरणों में बैठ गया और बोला,
“हे ब्राह्मण, मैं अब आपके साथ तप करना चाहता हूं।”
उसके जप के प्रभाव से उसे तुरंत मुक्ति मिल गई — यह देखकर ब्राह्मण सोच में पड़ गए कि उसे इतनी जल्दी मुक्ति कैसे मिल गई जबकि मैं 13 वर्षों से तप कर रहा हूं!
वे पुनः जल में खड़े होकर जप करने लगे।
🐅 बाघ का पूर्वजन्म और मुक्ति की कथा
कुछ समय बाद वहाँ एक बाघ आया जो ब्राह्मण को खा जाना चाहता था। लेकिन जैसे ही ब्राह्मण के मुख से “नमो नारायण” का उच्चारण हुआ,
वह बाघ तत्काल एक दिव्य पुरुष में परिवर्तित हो गया।
उसने बताया कि वह पूर्वजन्म में राजा दीर्घबाहु था, पर ब्राह्मणों के अपमान के कारण शापवश बाघ योनि में उत्पन्न हुआ।
ब्राह्मणों के तप और वचनों की शक्ति की स्तुति करते हुए उसने क्षमा मांगी और कहा कि…
“आपके मुख से नारायण नाम सुनने मात्र से मैं शाप से मुक्त हो गया।”
🌿 मुक्तिलिंग का दर्शन और मोक्ष प्राप्ति
तब ब्राह्मण ने उससे पूछा,
“तुम्हें मुक्ति मिल गई, लेकिन मुझे अभी तक क्यों नहीं मिली?”
राजा ने उत्तर दिया,
“आप महाकाल वन में मुक्तिलिंग के दर्शन करें। उसका दर्शन करने मात्र से ही मुक्ति प्राप्त होती है।
जो भी उसकी महिमा बताता है, उसे भी मुक्ति मिलती है।”
फिर दोनों मुक्तिलिंग के पास पहुंचे और जैसे ही उन्होंने दर्शन किया,
वे दोनों लिंग में समा गए और मोक्ष को प्राप्त हो गए।
🙏 दर्शन लाभ (Benefits of Darshan)
- जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति
- बाघ, पशु या अन्य योनियों से मोक्ष
- नमो नारायण जप से दिव्य फल
- शिवलिंग के दर्शन से आत्मशुद्धि
📅 विशेष दर्शन दिवस:
- अमावस्या व पूर्णिमा
- श्रावण मास के सोमवार
- महाशिवरात्रि
📍 मंदिर की स्थिति
श्री मुक्तेश्वर महादेव मंदिर,
खत्रीवाड़ा, उज्जैन
(महाकाल मंदिर क्षेत्र से थोड़ी दूरी पर स्थित, शांति और साधना हेतु उपयुक्त स्थान)

84 महादेव : श्री मुक्तेश्वर महादेव (25)
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