एक बार पार्वती जी ने शिव जी से पूछा कि सारे संसार में चर-अचर जो दिखाई देता है ओर जो सुनाई देता है सभी आप ने उत्पन्न किया है। इसके साथ ही संपूर्ण जगत आप में ही लीन होता है। इस पर शिव ने कहा देवी पार्वती महाकाल वन में प्रलय के समय मैने यह धारण किया हुआ है। इसका नाम महालयेश्वर है।
इस शिवलिंग से ब्रम्हा, विष्णु, देवी-देवता, भूत, बुद्धि, प्रज्ञा, धृति, ख्याति, स्मृति, लज्जा, सरस्वति सभी उत्पन्न हुए हैं और प्रलय के समय सभी इसी में लीन होते हैं। मान्यता है कि जो भी इस शिवलिंग का पूजन करता है। वह त्रिलोक विजयी होता है।