उज्जैन की मिठाइयां और उनके पीछे की कहानियां

उज्जैन, मध्य प्रदेश का एक ऐतिहासिक और धार्मिक शहर है, जो अपनी धार्मिकता के साथ-साथ स्वादिष्ट और लोकप्रिय मिठाइयों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां की मिठाइयाँ न केवल स्वाद में अद्भुत होती हैं, बल्कि इनकी कहानियां भी उतनी ही दिलचस्प होती हैं। यह शहर भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिर, महाकालेश्वर के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन इसके साथ-साथ यहां की स्वादिष्ट मिठाइयाँ भी अपनी विशेष पहचान रखती हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे उज्जैन की मिठाइयों और उनके पीछे की रोचक कहानियों के बारे में।


1. गरमागरम जोबन (Joban)

उज्जैन की सबसे प्रसिद्ध और पारंपरिक मिठाइयों में से एक है जोबन। यह मिठाई विशेष रूप से महाकाल मंदिर के पास स्थित मिठाई दुकानों पर मिलती है। जोबन एक प्रकार की लावा जैसी मिठाई होती है, जो ताजे गुड़, घी, आटा और खोआ से बनाई जाती है। इसे बनाने का तरीका और विशेष सामग्री इसे अन्य मिठाइयों से अलग बनाती है।

कहानी: जोबन के पीछे एक रोचक कहानी जुड़ी हुई है। माना जाता है कि यह मिठाई भगवान महाकाल के भक्तों द्वारा बनाई गई थी, जिन्हें श्रद्धा से भगवान को प्रसन्न करने के लिए यह खास मिठाई अर्पित की जाती थी। इसके बाद यह मिठाई उज्जैन में अन्य भक्तों के बीच लोकप्रिय हो गई और अब यह हर भक्त की जुबान पर है।


2. सेंवई (Sevai)

सेंवई, जो एक प्रकार का मीठा व्रत प्रसाद है, उज्जैन की खास मिठाई है। यह हल्की, खस्ता और मीठी होती है और खासकर नवरात्रि जैसे धार्मिक त्योहारों पर तैयार की जाती है। सेंवई को दूध, शक्कर और सूखे मेवों के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। यह स्वाद में बहुत हल्की और पौष्टिक होती है, इसलिए इसे उपवास के दौरान भी खाया जा सकता है।

कहानी: सेंवई की मिठाई से जुड़ी कहानी भी धार्मिक मान्यता से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि नवरात्रि में देवी दुर्गा की पूजा के समय भक्तों द्वारा यह मिठाई देवी को अर्पित की जाती है। इसके बाद से यह मिठाई हर धार्मिक अवसर पर बनती रही और अब यह उज्जैन की पारंपरिक मिठाई बन गई है।


3. मावा और खोया (Mawa and Khoya)

मावा और खोया से बनी मिठाइयाँ उज्जैन के विभिन्न बाज़ारों में आसानी से मिल जाती हैं। मावा और खोया का उपयोग मिठाइयों की विशेषता बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह दोनों सामग्री दूध से बनती हैं और इन्हें विशेष रूप से रसगुल्ले, मिठाई के लड्डू और बरफी जैसी मिठाइयों में मिलाया जाता है।

कहानी: मावा और खोया का इस्तेमाल बहुत पुरानी परंपरा से हो रहा है, और यह माना जाता है कि यह मिठाई भगवान महाकाल को प्रसन्न करने के लिए अर्पित की जाती थी। इसके बाद यह प्रथा धीरे-धीरे उज्जैन के हर घर में फैल गई, और आज भी यह मिठाइयाँ हर विशेष अवसर पर बनाई जाती हैं।


4. गरमागरम गुलाब जामुन (Gulab Jamun)

गुलाब जामुन एक ऐसी मिठाई है जो भारत के हर कोने में पसंद की जाती है। उज्जैन में यह मिठाई विशेष रूप से शाही व्यंजनों का हिस्सा मानी जाती है। यह छोटे-छोटे लोए घी में तल कर और फिर गुलाब जल और शक्कर के सिरप में डुबोकर बनाई जाती है।

कहानी: गुलाब जामुन के बारे में कहा जाता है कि यह मिठाई मुग़ल साम्राज्य के समय आई थी और धीरे-धीरे पूरे भारत में फैल गई। उज्जैन में इसे विशेष रूप से पुजारी द्वारा भगवान महाकाल को अर्पित किया जाता है और यह अब हर बड़े उत्सव का हिस्सा बन गई है।


5. रबड़ी (Rabri)

रबड़ी एक ऐसी मीठी दही जैसी मिठाई है जो दूध को धीमी आंच पर पकाकर, उसमें चीनी, इलायची और शहद डालकर तैयार की जाती है। यह मिठाई उज्जैन के प्रमुख बाजारों में मिलती है और गर्मी में विशेष रूप से खाई जाती है।

कहानी: रबड़ी का इतिहास भी बहुत पुराना है और यह मिठाई विशेष रूप से उज्जैन के शाही परिवारों के बीच लोकप्रिय थी। यह माना जाता है कि उज्जैन के राजा महाकाल की पूजा के बाद रबड़ी को एक प्रकार की प्रसन्नता के रूप में तैयार किया जाता था, और यह एक विशेष मिठाई के रूप में राजा के दरबार में पेश की जाती थी।


निष्कर्ष

उज्जैन न केवल अपनी धार्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहाँ की मिठाइयाँ भी इस शहर की एक महत्वपूर्ण विशेषता हैं। हर मिठाई का अपना एक इतिहास और कहानियाँ हैं जो इस शहर की धरोहर को और भी खास बनाती हैं। अगर आप उज्जैन यात्रा पर हैं, तो इन पारंपरिक मिठाइयों का स्वाद लेना न भूलें, क्योंकि ये न केवल स्वाद में अविस्मरणीय हैं, बल्कि आपके दिल में एक खास जगह बना लेंगी।