महाकालेश्वर मंदिर में भस्मआरती की ऑफलाइन अनुमति प्रक्रिया में बदलाव: अब उसी दिन मिल सकेगी अनुमति
महाकालेश्वर मंदिर, जो उज्जैन में स्थित है और भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, में रोजाना सुबह होने वाली भस्मआरती की अनुमति प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस प्रक्रिया को सरल बनाया है।
नए नियमों के तहत, श्रद्धालु अब उसी दिन भस्मआरती में शामिल हो सकेंगे। मंदिर प्रबंधक अनुकूल जैन ने बताया कि पहले ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से अनुमति प्राप्त करने में श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार करना पड़ता था। वहीं, ऑफलाइन अनुमति प्रक्रिया में भी एक दिन का समय लगता था, लेकिन अब इस प्रक्रिया को सरल और त्वरित कर दिया गया है।
कैसे करें आवेदन?
रोजाना शाम 7 से रात 9 बजे तक श्रद्धालु मंदिर के काउंटर से भस्मआरती के लिए फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं।
फॉर्म को भरकर रात 11 बजे तक जमा किया जा सकता है।
जमा किए गए फॉर्म की समीक्षा के बाद, उपलब्ध सीटों के आधार पर तुरंत अनुमति दी जाएगी।
इस बदलाव के साथ, श्रद्धालु अब इसी दिन तड़के भस्मआरती में शामिल हो सकेंगे। इससे पहले, उन्हें अनुमति मिलने के बाद अगले दिन के लिए इंतजार करना पड़ता था।
महत्वपूर्ण जानकारी:
श्रद्धालुओं को फॉर्म जमा करने के बाद, उपलब्ध सीटों की संख्या के आधार पर ही अनुमति मिलेगी।
यह बदलाव रविवार से लागू किया जा सकता है, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालु इस सुविधा का लाभ उठा सकें।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के इस फैसले से उन श्रद्धालुओं को राहत मिलेगी, जो अचानक भस्मआरती में शामिल होना चाहते हैं लेकिन ऑनलाइन बुकिंग के लंबे इंतजार से परेशान होते थे। अब वे तुरंत भस्मआरती में शामिल होकर भगवान महाकाल के दिव्य दर्शन कर सकेंगे।
निष्कर्ष:
महाकालेश्वर मंदिर की भस्मआरती की अनुमति प्रक्रिया में यह बदलाव श्रद्धालुओं के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। इससे अब वे आसानी से और तेज़ी से भस्मआरती में भाग ले सकते हैं। मंदिर प्रबंध समिति का यह निर्णय निश्चित रूप से श्रद्धालुओं के अनुभव को अधिक सुखद और सुविधाजनक बनाएगा।