स्थान: खटिकवाड़ा, उज्जैन
केकड़ा योनि मुक्ति व स्वर्गप्राप्ति का महाशक्तिशाली शिवलिंग
📜 श्लोक:
“कार्कटियोनि मुक्तस्य प्राप्तं स्वर्गं सुखं।
कर्कटेश्वर नामायमतो लोके भविष्यति॥”
(स्कन्द पुराण, महाकाल खंड)
📖 श्लोक का अर्थ:
जो कार्कट (केकड़ा) योनि से मुक्त होकर स्वर्ग को प्राप्त करे, वह लिंग लोक में कर्कटेश्वर के नाम से प्रसिद्ध होगा।
📚 पौराणिक कथा: केकड़ा बना राजा और शिव की कृपा से स्वर्ग प्राप्ति
प्राचीन समय में एक तेजस्वी और धर्मशील राजा थे जिनका नाम धर्ममूर्ति था। उनके दस हज़ार रानियाँ थीं, जिनमें से भानुमति सबसे श्रेष्ठ थीं। धर्ममूर्ति युद्धकला में पारंगत थे और देवराज इंद्र की सहायता से सैकड़ों दैत्यों का वध कर चुके थे।
एक दिन उन्होंने अपने गुरु वशिष्ठ मुनि से पूछा —
“हे मुनिवर! मुझे यह राजसुख, तेजस्वी स्त्री और कीर्ति किस पुण्य के कारण प्राप्त हुए?”
🔁 पूर्व जन्म की कथा: नरक से केकड़ा योनि तक
मुनि वशिष्ठ ने कहा:
“राजन! पूर्व जन्म में आप एक शूद्र राजा थे, दोषों से युक्त और अधार्मिक।
आपकी पत्नी भी दुष्ट स्वभाव वाली थी।
मृत्यु के पश्चात आप नरक में यातनाएँ भोगते रहे और फिर केकड़े की योनि में जन्म लिया।
आप महाकाल वन के रुद्रसागर में 5 वर्षों तक रहे।”
फिर एक दिन एक कौआ आपको चोंच में भर कर ले गया। आपने अपने केकड़े रूप में ही कौए की चोंच से छूटकर स्वर्गद्वारेश्वर महादेव के पास गिरकर उनकी शरण ली।
जैसे ही आपने स्वर्गद्वारेश्वर महादेव के निकट स्थित एक दिव्य लिंग को स्पर्श किया, आपका रूप विद्याधर के समान हो गया और आप शिवगण बन गए।
देवताओं ने जब इस अद्भुत घटना का रहस्य जाना तो वे बोले —
“यह लिंग तो अद्भुत है! यह तो कर्कट (केकड़ा) योनि से भी मुक्ति देने वाला है।
अतः इसे अब से कर्कटेश्वर महादेव के नाम से जाना जाएगा।”
🙏 दर्शन लाभ (Benefits of Darshan)
- योनि दोष, पूर्वजन्म के पापों का नाश
- स्वर्ग प्राप्ति और शिवलोक गमन
- रोगों से मुक्ति और दिव्यता की प्राप्ति
- पुनर्जन्म के कष्ट से रक्षा
📅 विशेष तिथियाँ:
- अष्टमी
- चतुर्दशी
- श्रावण मास के सोमवार
- शनि प्रदोष
📍 मंदिर की स्थिति
श्री कर्कटेश्वर महादेव मंदिर
खटिकवाड़ा क्षेत्र, स्वर्गद्वारेश्वर महादेव के पूर्व में
उज्जैन, मध्यप्रदेश
चौरासी महादेवों में से 22वाँ महादेव

84 महादेव : श्री कर्कटेश्वर महादेव( 22)
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