28 जुलाई यानी शनिवार से सावन (Saavan) का महीना शुरू होने हो रहा है। सावन का महीना ​भगवान शिव को बेहद प्रिय है क्योंकि इसी महीने में माता पार्वती ने उन्हें पाने के लिए तपस्या कर उन्हें प्रसन्न किया था। उसके बाद ही भोलेनाथ ने उनसे विवाह किया था।

शास्त्रों के मुताबिक इस माह में भगवान विष्णु पाताल लोक में रहते हैं और संसार के पालनहार के रूप में शिव जी ही कार्य करते हैं। यानी इस पूरे महीने में भगवान शिव की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे में जहां भोलेनाथ की भक्ति करने से वे प्रसन्न होते हैं, वहीं कुछ काम उन्हें नाराज भी करते हैं। जानें कुछ ऐसे कार्यों के बारे में जो भगवान शिव को रुष्ट कर सकते हैं।

दूध और दूध से बनी चीजें वर्जित:
शास्‍त्रों के अनुसार सावन मे दूध, दही, छाछ आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। आपने अपने आसपास भी देखा होगा कि कई लोग सावन में दही और छाछ की बनी कढ़ी आदि भी छोड़ देते हैं। चूंकि भोलेनाथ तो भक्तों की रक्षा के लिए विषपान भी कर चुके हैं, इसलिए सावन में जो आपके लिए हानिकारक है, यानी दूध, उसे भगवान शिव पर अर्पण करने की बात कही गई है। कहा जाता है कि सावन में शिव का दूध से अभिषेक करने से शिव प्रसन्न होते हैं।
वहीं इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि सावन में पाचन क्रिया बिगड़ जाती है ऐसे में दूध और इससे बनी चीजें भारी होने के कारण आसानी से पच नहीं पातीं। इससे पेट संबंधी परेशानियां होती हैं। इसके अलावा वात संबंधी रोग बढ़ते हैं।

परिवार में क्लेश न करें:
कहा जाता है भगवान वहीं बसते हैं जहां प्रेम होता है। सावन का महीना तो वैसे भी शिव गौरी और उनके परिवार को समर्पित है। इसलिए इस माह में परिवार में किसी तरह का क्लेश या झगड़ा न करें। अपने जीवनसाथी से अपशब्द न बोलें। इससे भगवान नाराज हो जाते हैं। इन दिनों भक्ति भाव से पूजा करने से दाम्पत्य जीवन में खुशियां आती हैं।

मांस मदिरा से परहेज करें:
सावन के महीने में मांस मदिरा से परहेज करना चाहिए। इससे व्यक्ति का मन अशांत रहता है और वह किसी काम को ठीक से नहीं कर पाता। इसके अलावा हरा साग, बैंगन आदि इस माह में स्वास्थ्य के लिए हितकर नहीं होता, लिहाजा इनसे परहेज करें। भगवान शिव के इस माह में सात्विक जीवन बिताना चाहिए। अन्यथा शिव अप्रसन्न होते हैं।

कम सोएं:
दिन में सोने से परहेज करना चाहिए। बहुत जरूरत हो तो आधे घंटे की झपकी ले सकते हैं। लेकिन देर तक नहीं सोना चाहिए। खाली समय में भोलेनाथ का ध्यान करना चाहिए।

न सताएं कमजोर को:
गरीब, वृद्ध, दुर्बल और जानवरों को न सताएं। इससे शिव को कष्ट पहुंचता है और उन्हें क्रोध आता है। साथ ही शिवभक्तों का अपमान न करें।

नंदी को न सताएं:
नंदी के रूप में बैल या गाय दिखे तो उन्हें खिलाएं पिलाएं। मारे नहीं। इनसे ​भोलेनाथ को विशेष लगाव है। इन्हें परेशान करने से भगवान को भी कष्ट पहुंचता है।