आज श्री महाकालेश्वर भगवान की पहली सवारी में पालकी में
श्री मनमहेश भक्तों को दर्शन देंगे
उज्जैन 29 जुलाई। श्रावण माह के प्रथम सोमवार 30 जुलाई को पहली सवारी में पालकी में भगवान मनमहेश अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण पर निकलेंगे। भगवान श्री महाकाल के श्री मनमहेश स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन महाकाल मन्दिर के सभा मण्डप में होने के पश्चात श्री मनमहेश पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेगी। भगवान श्री मनमहेश का रामघाट शिप्रा तट पर शिप्रा के जल से अभिषेक व पूजन-अर्चन पश्चात सवारी पुनः परम्परागत मार्ग से होते हुए मन्दिर पहुंचेगी।
सवारी श्री महाकाल मन्दिर से अपने निर्धारित समय सायं 04 बजे निकलेगी। मन्दिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा श्री मनमहेश को सलामी दी जायेगी। उसके बाद सवारी श्री महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी,रामघाट पहुचेगी। जहा सवारी का पूजन होने के बाद रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर में वापस आवेगी।
दूसरी सवारी 06 अगस्त को निकलेगी। जिसमें पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश विराजित होंगे। तीसरी सवारी 13 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर रहेंगे और हाथी पर श्री मनमहेश तथा गरूड़ रथ पर शिवतांडव विराजित होंगे। चोथी सवारी 20 अगस्त को निकलेगी जिसमें पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमा-महेश विराजित होंगे। पांचवी सवारी 27 अगस्त को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रहेगा। अन्तिम शाही सवारी 03 सितम्बर को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा, नन्दी रथ पर श्री उमामहेश, डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद रथ पर श्री घटाटोप का मुखौटा तथा रथ पर सप्तधान्य मुखारविंद रहेंगे।
सवारी का लाईव प्रसारण श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति की वेबसाईट www.mahakaleshwar.nic.in पर भी किया जा रहा है तथा प्रत्येक सोमवार को किया जावेगा।
सवारी के दौरान श्रद्धालुओं से यह अपील की जाती है कि :-
1 कृपया सवारी मार्ग में सडक की ओर व्यापारी गण भट्टी चालू न रखें एवं न ही तेल का कढ़ाव रखें।
2 कृपया दर्शनार्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें तथा सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खडें रहें।
3 दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें।
4 श्रद्धालु सवारी के मध्य सिक्के नारियल केले फल आदि न फैंके।
5 सवारी के बीच में प्रसाद व चित्र वितरण न करें, सवारी आगे बढने के पश्चात ही वितरण करे।
6 पालकी के आस-पास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें।