श्राद्ध:  पक्ष मेंं इस मंत्र के जाप से कम होता है पितृ दोष का प्रभाव

मंत्रों में इतनी शक्ति होती है कि वह सभी प्रकार की बाधाओं का नाश कर सकती है

धर्म शास्त्रों के अनुसार मंत्रों में इतनी शक्ति होती है कि वह सभी प्रकार की बाधाओं का नाश कर सकती है। यदि मंत्र जप पूरे विधि-विधान से किया जाए तो ऐसी कोई बाधा या दोष नहीं जिसका निवारण नहीं हो सकता। नीचे ऐसा ही एक मंत्र दिया गया है जिसका जप करने से पितृ दोष का प्रभाव अप्रत्याशित रूप से कम हो जाता है व पितृ प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष में इस मंत्र का जप करना श्रेष्ठ रहता है इसके अलावा प्रत्येक मास की अमावस्या तिथि को भी इसका जप कर सकते हैं।

मंत्र
ऊँ सर्व पितृ प्रं प्रसन्नों भव ऊँ।।

जप विधि
– पितृ पक्ष में प्रत्येक दिन व प्रत्येक मास की अमावस्या तिथि को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि नित्य कर्म से निवृत्त होकर भगवान सूर्य नारायण की ओर मुख करके उनका पूजन करें व अर्ध्य दें।
– इसके बाद कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करें।
– कम से कम 5 माला जप अवश्य करें।
– एक ही समय, स्थान, माला व आसन होने से शीघ्र लाभ होता है। 🙏